हिंदी वर्णविचार | हिन्दी वर्णमाला परिभाषा-भेद-उदाहरण

हिंदी वर्णविचार | हिन्दी वर्णमाला | परिभाषा-भेद-उदाहरण


हिंदी वर्णविचार , हिन्दी वर्णमाला, परिभाषा-भेद-उदाहरण
हिंदी वर्णविचार , हिन्दी वर्णमाला, परिभाषा-भेद-उदाहरण 

हमसे जुड़ें

TELEGRAM 

SUBHSHIV

YOUTUBE

SUBHSHIV


वर्ण विचार:-

● किसी भाषा के व्याकरण ग्रंथ में इन तीन तत्वों की विशेष एवं आवश्यक रूप से चर्चा / विवेचना की जाती है :- 
  ◆ वर्ण :- भाषा की सबसे छोटी इकाई वर्ण होती है जिसके टुकड़े नहीं किए जा सकते, वह वर्ण कहलाती है।जैसे :- क, ख, च 
  ◆ शब्द :- भाषा की सबसे छोटी इकाई वर्ण होती है वर्णों के सार्थक समूह को शब्द कहते हैं। जैसे :- अखबार
  ◆ वाक्य :- शब्दों के सार्थक समूह को वाक्य कहते हैं। जैसे :- वह अखबार पढ़ रहा है
● हिंदी विश्व की सभी भाषाओं में सर्वाधिक वैज्ञानिक भाषा है।
● हिंदी में 44 वर्ण हैं जिन्हें दो भागों में बांटा जा सकता है:-
  ◆ स्वर और व्यंजन

स्वर :-

स्वर क्या होता है ?

● ऐसी ध्वनियां जिनका उच्चारण करने में अन्य किसी ध्वनि की सहायता की आवश्यकता नहीं होती, उन्हें स्वर होते हैं।  
● स्वर 11 होते हैं:-
  ◆ अ, आ , इ , ई , उ , ऊ , ए , ऐ , ओ,औ, ऋ
● स्वरों को दो भागों में बांटा जा सकता है:-
   ◆ ह्रस्व स्वर एवं दीर्घ स्वर

ह्रस्व स्वर :-

● जिन स्वरों के उच्चारण में कम-से-कम समय लगता हैं उन्हें ह्रस्व स्वर कहते हैं। 
● इन्हें मूल स्वर भी कहते हैं।
● ये चार हैं- अ, इ, उ, ऋ

दीर्घ स्वर-

● जिन स्वरों के बोलने में अधिक समय लगता है उन्हें दीर्घ स्वर कहते हैं। 
● ये हिन्दी में सात हैं- आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ।
● हिंदी वर्णमाला में 11 स्वर और 33 व्यंजन अर्थात कुल 44 वर्ण तथा 3 संयुक्त आकार है।

व्यंजन :-

व्यंजन क्या होता है :- 

● जो ध्वनियाँ स्वरों की सहायता से बोले जाते हैं उन्हें व्यंजन कहते हैं। 
● हर व्यंजन स्वर की सहायता से ही बोला जाता है। 
● इन्हें पाँच वर्गों तथा स्पर्श, अन्तस्थ एवं ऊष्म व्यजनों में बाँटा जा सकता है।

स्पर्श  

● जिन व्यंजनों का उच्चारण करते समय हवा कंठ, तालु, मूर्धा, दाँत या ओठो का स्पर्श करके मुख से बाहर आती है, उन्हें स्पर्श व्यंजन कहते हैं ।
● इनकी संख्या 25 होती है।(क से म तक)
कवर्ग :-
● क , ख , ग , घ , ङ
च वर्ग :-
च , छ , ज , झ , ञ
ट वर्ग :-
ट , ठ , ड , ढ , ण 
त वर्ग : 
त , थ , द , ध , न
प वर्ग : 
प , फ , ब , भ , म
अंतस्थ : 
जिन व्यंजनों का उच्चारण स्वरों और व्यंजनों के मध्य का होता है, उन्हें अंतःस्थ व्यंजन कहते हैं ।
● अंतस्थ व्यंजन चार प्रकार के होते हैं :-
  ◆ य , र , ल , व्
ऊष्म :-
जिन व्यंजनों का उच्चारण करते समय हवा मुँह में टकराकर ऊष्म (गर्मी) पैदा करती है, उन्हें ऊष्म व्यंजन कहते हैं ।
● ऊष्म व्यंजन भी चार प्रकार के होते हैं :-
  ◆ श , ष , स , ह

संयुक्ताक्षर :- 

● इनके अतिरिक्त हिंदी में तीन संयुक्त व्यंजन भी होते है :-
क्ष  - क् + ष्
त्र  - त् + र्
ज्ञ - ज् + ञ्

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ